मोटापा: योग से वजन पर काबू करना – अगर हम यह समझते हैं कि योग का मतलब सिर्फ आसन हें तो ऐसा नही है। योग में आहार-विहार यानी हमारे खानपान और रहन-सहन दोनों को सही करने पर जोर होता है। अष्टंंग योग के मुताबिक योग के 8 अंग हैं – यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि। आमतौर पर आसन, प्राणायाम और ध्यान का ही प्रयोग ज्यादा होता है और इसी क्रम में किया जाता है। यहां जानते हैं कि शरीर की इन स्थितियों में योग से कैसे फायदा उठा सकते हैं:
Yoga For Obesity – मोटापा: योग से वजन पर काबू करना
योग के मुताबिक, सबसे पहले खुद को जैसे हैं वैसा ही स्वीकार करें। वजन घटाने की कोशिश में शरीर को सजा नहीं देनी। बिलकुल खाना छोड़ देना, बहुत ज्यादा दौड़ लगाना, बहुत ज्यादा कसरत करेंगे तो फायदा कम और नुकसान ज्यादा होगा। इससे शरीर में स्ट्रेस रहेगा तो और भी ज्यादा खाने की इच्छा होगी। ज्यादा वजन होने पर सहज रूप से जो योगासन कर सकें, सिर्फ वही करने चाहिए।
क्यों होता है मोटापा: योग से वजन पर काबू करना
मोटापा सिर्फ खानपान से नहीं होता, हार्मोन के असंतुलन की वजह से भी होता है या पेरंट्स से बच्चों में आ जाता है। मोटापे के बावजूद फुर्तीले हैं तो ज्यादा परेशानी की बात नहीं है। लेकिन भविष्य में डायबीटिज, बीपी आदि की आशंका ज्यादा रहती है।
आहार-विहार सुधारें:
- शरीर में संतुलन बनाए रखना है तो इतना ही खाएं कि आसानी से हजम हो जाए।
- सुबह नाश्ता जागने के 2 घंटे के अंदर कर लें और रात को डिनर सूर्यास्त के आसपास कर लें।
- पूरा पेट भरकर न खाएं। एक चौथाई पेट हमेशा खाली रखें। हठयोग में कम खाना ही कहा गया है।
- नाश्ते में डोसा, दलिया, पोहा खा लें।
- दिन में रोटी-सब्जी और दाल-चावल या इसमें से कोई एक। दिन में खाना खाएं तो साथ में बिलकुल पतली छाछ लें।
- रात का खाना जितना हो हल्का हो। टमाटर या सब्जियां का सूप भी ले सकते हैं।
- ऋतु के मुताबिक और अपने रहने की जगह का खाना खाएं, वहां की सब्जियां और फल लें। विदेश में जाकर वहां का खाना खाएं, अपने देश या राज्य में वहां जो उगता है वह खाएं।
- प्रेग्नेंट हैं तो सूक्ष्म क्रियाएं और ध्यान कर सकती हैं। लेकिन योगासन किसी योग गुरु की सलाह लेकर ही करें।
- घुटनों में दर्द, जोड़ों का दर्द या कमर दर्द रहता है तो आगे या पीछे झुकने वाले आसन और वे आसन जिसमें घुटनों पर दवाब पड़ता है, योग गुरु की सलाह पर ही करें।
सूक्ष्म व्यायाम (4 – 5 मिनट):
- योगासन से पहले सूक्ष्म क्रिया से शरीर योगासन के लिए तैयार हो जाता है।
- आराम से बैठकर हाथों को गोलाकर घुमाना, हथेलियां मोड़कर कंधों की ओर लाना और हाथों को घुमाना ताकि कंधे भी रोल हों। (20 – 20 सेकंड के 2 से 3 राउंड)
- बैठे-बैठे ही पैरों के पंजों को आगे की ओर खींचना और पीछे लाना फिर गोलाई में घुमाना। (15 – 15 सेकंड के 2 राउंड)
- हाथों की मुट्ठी बनाकर क्लॉक वाइज और उलटी दिशा में घुमाना। (15 – 15 सेकंड के कम से कम 2 राउंड)
- 2 खड़े होकर कमर को पूरा लेफ्ट ले जाना और फिर सामने लाकर राइट की ओर ले जाना। (15 – 15 सेकंड के 2 राउंड)
- इसके अलावा और भी सूक्ष्म व्यायाम हैं।
आसन: आसानी से जितना कर सकें, जोर नहीं लगाना
शलभासन [Salabhasana]: जमीन पर पेट के बल लेटकर आगे से शरीर को ऊपर उठाएं। पैरों को भी आसमान की ओर उठाएं। (2 से 3 बार)
त्रिकोणासन [Trikonasana]: दोनों पैरों के बीच 2-3 फुट का फासला रखें। सीधा हाथ कमर की ओर झुकाते हुए सीधे पैर की ओर ले जाएं। उलय हाथ आसमान की ओर। जितना आसानी से मुड़ा जाए उतना मुड़ें। इसे साइड बेंडिंग भी कह सकते हैं। (2 से 3 बार)
विपरीत करणी मुद्रा [Viparita Karani]: दीवार के पास इस तरह से लेट जाएं कि दोनों पैरों को ऊपर उठाकर दीवार के सहारे टिका सकें। फिर पैरों को धीरे-धीरे थोड़ा-सा अपनी ओर झुकाएं। (3 से 4 बार)
बालासन [Balasana]: वज़ासन में बैठ हाथ ऊपर उठाएं और सिर आगे की ओर नीचे झुकाएं। दोनों हाथों से जमीन से छूने की कोशिश करें। यह पूरी क्रिया दो से तीन बार करें। अगर घुटनों या जेड़ों में दर्द है तो बिलकुल न करें।
वज्रासन [Vajrasana]: जमीन पर बैठकर पैरों को मोड़कर हिप्स के नीचे रख लें। हाथों को मोड़कर जांघों पर रख लें। कमर सीधी रखें। (घुटनों या जेड़ों में दर्द है तो न करें।) (3 – 5 मिनट)
शवासन [Shavasana]: पीठे के बल सीधे लेट जाएं और गहरी सांस भरकर शरीर को ढीला छोड़ दें। हथेलियां आकाश की ओर, आंखें बंद। (कम से कम 5 मिनट तक।)
(नए अभ्यासी 5 सेकंड हर आसन में रुकें, कुछ महीनों बाद 30 सेकंड भी रुक सकते हैं।)
शरीर लचीला होने लगे, तब ये करें
पश्चिमोत्तानासन [Paschimottanasana]: दोनों पैरों को जोड़कर आगे की फैलाकर बैठ जाएं। सिर को आगे झुकाते हुए घुटनों को ओर झुकाएं और दोनों हाथों से पंजों को छूने या पकड़ने की कोशिश करें।
धनुरासन [Dhanurasana]: पेट के बल लेटकर हाथों और पैरों को पीछे की ओर मोड़कर एक-दूसरे के करीब लाएं और पकड़ लें। (2 से 3 बार)
भुजंगासन [Bhujangasana]: पेट के बल लेटकर हाथों को कंधों के पास लाएं और धीरे-धीरे कमर से आगे के शरीर को ऊपर की ओर नाग के फन की तरह उठाएं। जितना सिर पीछे की ओर जा सकता है, ले जाएं। (2 से 3 बार)
मंडूकासन [Mandukasana]: वज़ासन में बैठकर हथेलियों की मुट्ठी बना लें और पेट से चिपका लें। अब सिर को आगे की ओर झुकाएं। (2 से 3 बार)
तितली आसन [Butterfly Asana]: जमीन पर बैठकर दोनों पैरों को मोड़कर तलवों को जोड़ें और घुटनों को ऊपर-नीचे तितली के पंखों की तरह चलाएं। (30 – 30 सेकंड तक 4 बार)